गाजीपुर। आज बुद्धवार का दिन भाजपा के लिए जश्न का दिन था जबकि सपा के लिए तैतीस वर्ष पुराना संबंध तोड़ कर पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह रुखसत हो गये जिससे राजनैतिक हलके में सपा के लिए बदरंग दिन के रुप में देखा जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को अपना 43वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। जिला कार्यालय सहित जनपद के सभी 34 संगठनात्मक मंडलों में अलग-अलग जगहों पर मंडल अध्यक्षों के नेतृत्व में झंडारोहण, प्रभात फेरी आदि कार्यक्रमों के बीच स्थापना दिवस मनाया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित करने के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन को एलईडी टीवी के माध्यम से वर्चुवल सीधे प्रसारण को सुना गया। भाजपा जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष भानूप्रताप सिंह के नेतृत्व मे सुबह 9 बजे पार्टी का झंडा रोहण कर वंदेमातरम् गान किया। जिलाध्यक्ष भानूप्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह और नगरपालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल के नेतृत्व में भाजपा जिला पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने पार्टी झंडा एवं पार्टी के नीति वाक्य लिखी तख्तियों को लेकर भाजपा कार्यालय छावनी लाइन से वंशीबाजार अवध पैराडाइज तक प्रभात फेरी निकाली। यहां पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के वर्चुवल सम्बोधन को एलईडी टीवी के माध्यम से सुना और देखा गया।
उधर समाजवादी पार्टी से त्याग पत्र देते हुए पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने अपनी पीड़ा को पत्रकारों से साझा किया और कहा कि गाजीपुर जिले में माफिया एवं गुंडा राज द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसे गाजीपुर की पूरी जनता जान रही है। आप लोगों के माध्यम से मुझे गाजीपुर के सभी समाजवादियों को यह बताना है कि प्रारंभ से लेकर 2022 तक पार्टी को मैने मां का दर्जा दिया और अब तक मेरा पूरा राजनैतिक जीवन समाजवादी पार्टी के साथ रहा है। लेकिन आज मैं समाजवादी पार्टी से त्यागपत्र दे रहा हूं। यह बातें शास्त्रीनगर स्थित अपने आवास पर बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि 2014-17 और 19 तक के चुनाव में मैने पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी रखी और इस बात को दावे के साथ कह सकता हूं कि पूरे जनपद में आपको कोई भी ऐसा नहीं मिलेगा, जो मेरी निष्ठा पर संदेह करें। मैने 2021 में जिला पंचायत का टिकट मांगा, वह भी इसलिए कि वह चुनाव एक ऐसे परिवार के विरुद्ध, जिससे गाजीपुर में किसी की ऐसी हैसियत नहीं है कि कोई लड़ सके, लेकिन यही अफजाल अंसारी ने सपना सिंह को जीताने के लिए ओमप्रकाश राजभर (रा.अ.सु.भा.स.पा.) को भेजा एवं मुस्लिम गांवों में अपने शार्गिदों को भेजकर जिला पंचायत चुनाव में प्रचार कराया। मेरी ताकत और क्षमता यह भी थी कि स्व. तेजबहादुर सिंह को लेकर पूरा परिवार हास्पिटल में था, तब महज 31 वोटों से हारा नहीं, हराया गया हूं, जिसका न्याय न्यायालय करेगा। उन्होंने कहा कि मेरे बड़े भाई जो एक समाजसेवी थे, जिनको उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामित किया गया, उनके निधन के उपरांत शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए पार्टी का कोई व्यक्ति नहीं आया। कहा कि 9 अप्रैल को एमएलसी का जो चुनाव हो रहा है और जिस जिले ने आपको सात विधायक दिए गए और साथ में अफजाल अंसारी है तो यह चुनाव उसी तरह का हो रहा है, जैसे जिला पंचायत का हुआ था। समाजवादी पार्टी के निष्ठानवान एवं गरीब कार्यकर्ता (प्रधान, बीडीसी) चंदा लगाकर व निःशुल्क वोट दे रहे हैं। वहीं आपका जिला नेतृत्व क्या कर रहा है, इसका पता 12 अप्रैल को चल जाएगा। कहा कि हमारी पत्नी को जिला पंचायत का टिकट पार्टी ने क्यों नहीं दिया। अगर आप इस मामले में कोई कार्यवाही किए होते तो शायद मैं भी बिना पद के पार्टी में रहता, लेकिन आपको जिसके ऊपर कार्यवाही करनी थी, उन लोगों को सम्मानित करने