‘संजय राय शेरपुरिया’ के दिवंगत पिता की शांति के लिए दिल्ली में हुई प्रार्थना सभा
दिल्ली। प्रसिद्ध उद्योगपति संजय राय ‘शेरपुरिया’के पिता पुण्यात्मा स्वर्गीय बालेश्वर राय की मोक्ष प्राप्ति के लिए दिल्ली के रेसकोर्स रोड पर आज शनिवार को एक बड़ी प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया ,जिस प्रार्थना सभा में देश के अतिविशिष्ट नागरिक, गणमान्य नागरिकों के साथ-साथ समस्त परिजनों, शुभचिंतकों के साथ के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने पुण्यात्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पुण्यात्मा स्वर्गीय बालेश्वर राय के बारे में अपने ओजस्वी विचार रखें। इस अवसर पर प्रार्थना सभा में लोगों ने पुण्यात्मा की शांति के लिए आयोजित भजन संध्या में भाग लिया और दो मिनट का मौन रखकर पुण्यात्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मोदी कैबिनेट के कई दिग्गज मंत्री, देश की पत्रकार जगत की प्रमुख हस्तियां, प्रख्यात समाजसेवी, आध्यात्मिक गुरु जन, खेल जगत की हस्तियां, समस्त परिजन, रिश्तेदार, मित्रगण, शुभचिंतक व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।।
देश के प्रसिद्ध समाजसेवी व गुजरात के दिग्गज उधोगपति संजय राय ‘शेरपुरिया’ को हाल ही के दिनों में पितृशोक हो गया था, उनके 95 वर्षीय पिता बालेश्वर राय का दिल्ली के एम्स अस्पताल में बीमारी के उपचार के दौरान हृदय गति रुकने के चलते 18 मार्च को होली के दिन आकस्मिक निधन हो गया था। जिसके पश्चात पुण्यात्मा स्वर्गीय बालेश्वर राय के पार्थिव शरीर का 19 मार्च को पिता की इच्छा के अनुसार ही सनातनी परंपरा के अनुसार उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर जनपद के पैतृक गांव शेरपुर कलां के गंगा घाट पर दाह संस्कार किया गया था। संजय राय ‘शेरपुरिया’ कहते हैं कि मेरे पिता हमेशा कहते थे –
मित्राणि धन धान्यानि प्रजानां सम्मतानिव ।
जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥
जिसका हिन्दी अनुवाद है “मित्र, धन्य, धान्य आदि का संसार में बहुत अधिक सम्मान है। (किन्तु) माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है।” इसलिए ही उन्होंने व परिवार ने पिता की इच्छा के अनुरूप ही उनका अंतिम संस्कार जन्मभूमि पैतृक शेरपुर कलां गांव किया था।
यहां आपको बता दें कि स्वर्गीय बालेश्वर राय देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय देवनारायण राय के ज्येष्ठ पुत्र थे, वह अपने पीछे एक भरा-पूरा बेहद साधन संपन्न संस्कारवान विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट पहचान बनाने वाला परिवार छोड़कर गये है, उनके 5 पुत्र और 2 पुत्रियां हैं।
यहां आपको बता दें कि स्वर्गीय बालेश्वर राय के पुत्र संजय राय ‘शेरपुरिया’ अपने दादा जी,
पिता व माता की प्रेरणा से ही लंबें समय से देश में विस्थापित होकर आये हिन्दुओं के जीवन के दुःख दर्द को बांटकर उन लोगों के जीवन को सरल बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं, उन्होंने देश के लाखों बेरोजगार युवाओं के सपनों को धरातल पर साकार करने के लिए “हर हाथ में काम हर जेब में दाम” का मिशन चला रखा है और जिस वक्त देश में भयावह कोरोना काल के चलते लोग भय से घरों में छिपे बैठे थे, उस वक्त वह आम जनमानस के अनमोल जीवन को कोरोना से बचाने के लिए आक्सीजन, बैड, दवाई का इंतजाम करवाने में दिनरात व्यस्त थे, वह ग़ाज़ीपुर जनपद में कोरोना से पीड़ित मृतकों के लिए सनातन परंपरा के अनुसार पूर्ण सम्मानजनक ढंग से अंतिम संस्कार तक का बंदोबस्त करवाने के लिए एक जांबाज योद्धा की तरह मोर्चे पर अपनी टीम के साथ बेहद भयावह कोरोनाकाल में भी डटे हुए थे। संजय राय ‘शेरपुरिया’ ने अपनी कार्यशैली, वाकपटुता व सेवाभाव के बलबूते ही देशवासियों के बीच एक विशिष्ट पहचान बनाने का कार्य किया है।
( स्तंभकार दीपक त्यागी )