महाराणा प्रताप की जयंती को अंग्रेजी तिथि में मना कर क्या कर रहे हैं , ऐसे लोग स्वयं विचार करें।
यह कहना है भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार का जिन्होंने आगे कहा कि महाराणा प्रताप के वंशज आज भी उनकी जयंती ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही मनाते हैं जो कि इस वर्ष आगामी 2 जून 2022 को पड़ती है।
महाराणा के वंशजों के द्वारा यह क्रम गत 400 वर्षों से चल रहा है।
कहा कि जो लोग उनकी जयंती 9 मई के दिन मना रहे हैं वे भारी भूल कर रहे हैं। महाराणा हिंदुत्व के प्रति पूर्णरूपेण समर्पित रहे।
कहा कि वह किसी जाति विशेष के नहीं थे। पूरा देश उनका अनुयाई था , आज भी है और आगे भी रहेगा।
महाराणा जैसे महान व्यक्तित्व को जाति विशेष में बांधना उनके कद को छोटा करना है।
हम सभी को चाहिए कि महाराणा की जयंती ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही मनाएं।
श्री पोद्दार ने कहा कि उदयपुर के सिटी पैलेस में जहां उनके वंशज आज भी रहते हैं , उनसे हमारी बातों की पुष्टि की जा सकती है।
महाराणा प्रताप को उनकी आन , बान और शान के लिए स्मरण किया जाता है।
महाराणा प्रताप की जयंती अंग्रेजी तिथि के अनुसार मनाना उनकी शान के खिलाफ है।
कहा कि भारतीय जन महासभा के लोगों ने गत वर्ष भी ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही पूरे भारतवर्ष में 44 स्थानों पर महाराणा प्रताप की जयंती मनाई थी।
गत वर्ष भी हमने संदेश दिया था और इस संदेश का समर्थन करते हुए झारखंड क्षत्रिय महिला महासभा , जमशेदपुर इकाई ने ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही जयंती मनाई।
हम उनके आभारी हैं। इसी प्रकार और लोग भी इस बात को समझें और पूरे देश में एक साथ एक ही दिन जयंती मनाने का कार्य करें।
यह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी है।