कानपुर । स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। वहीं जिस प्रकार से कोरोना महामारी की दूसरी लहर में भारत के अंदर मंजर देखने का मिला, उसके बाद सरकार तीसरी लहर को गंभीरता से ले रही है। यही कारण है कि केंद्र सरकार के साथ ही देश के विभिन्न प्रदेश सरकारों की ओर से अभी से तीसरे लहर की तैयारी शुरू कर दी गई है ताकि इससे बेहतर ढंग से निपटा जा सके। वहीं इन सबके बीच एक अच्छी खबर आ रही है। 2 से 6 वर्ष तक के बच्चों का विश्व का सबसे पहला ट्रायल यूपी के कानपुर में होगा। बताया जा रहा है कि अभी तक इस आयु वर्ग के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल नहीं किया गया है। इसकी कवायद भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन की ओर से बच्चों पर ट्रायल शुरू किया गया है। फिलहाल 6 से 12 वर्ष व 12 से 18 वर्ष उम्र तक के बच्चों का ट्रायल हो रहा है। संभावना जताई जा रही है कि अगले माह तक कोवाक्सिन का नेजल स्प्रे भी आ जायेगा। दूसरी तरफ आर्यनगर स्थित प्रखर अस्पताल में कोवाक्सिन का बच्चों पर ट्रायल मंगलवार से प्रारंभ हो गया है। ट्रायल के तहत बच्चों को 2 से 6, 6 से 12 व 12 से 18 वर्ष तीन समूहों में बांटा गया है। पहले दिन 12 से 18 वर्ष के उम्र तक के 40 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 20 का चयन करके वैक्सीन लगाने का ट्रायल किया गया।
कानपुर में बच्चों पर होगा विश्व का पहला कोवैक्सिन ट्रायल
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